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लय यात्रा: विविध सांस्कृतिक एवं परम्पराओं पर केंद्रित कार्यक्रम

"दिव्यादीक्षा सेंटर फॉर परफोर्मिंग आर्ट" अपनी नयी प्रस्तुति के साथ 3 फरवरी को प्रस्तुत करेंगे "लय यात्रा" जैसे कोई उत्तराखंड के धुर-जंगलों में केशिये और बुरांश के फूलों के आगमन पर मुरूली और हुड़के की संगत के साथ कोई न्योली, कफुवा, घुगुती या सुवा गा रहे हो. और छोटे-छोटे गाड़-गधेरे जैसे ख़ुशी से अटखेलियाँ लेते हुए पागल होकर एक सुहागिन की तरह पिछोड़ा पहने भागी जा रही हो अपने किसी प्रेयसी से मिलने. जी हाँ संगीतज्ञ और लोक कलाकार गुरुदेव स्व. श्री भगवत उप्रेती जी के म्यूजिक में वही तो खास बात होती थी. एकदम प्रकृति के स्पर्श सा संगीत मन को भाव-विभोर कर देता था. एक बार वही संगीत, वही ताल और वही लय को प्रस्तुत करेंगे दिव्यादीक्षा सेंटर फॉर परफोर्मिंग आर्ट के कलाकार. तो आप जरुर आइयेगा विविध सांस्कृतिक एवं परम्पराओं पर केंद्रित कार्यक्रम और संगीतज्ञ एवं लोक कलाकार स्व. श्री भगवत उप्रेती जी को समर्पित कार्यक्रम "लय यात्रा" में सांय 6:45 बजे से त्रिवेणी कला संगम, चैम्बर थिएटर, तानसेन मार्ग मंडी हाउस दिल्ली में. प्रवेश निशुल्क है. 



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