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कुमाउनी और गढ़वाली संस्कृति में जागर : डॉ.ललित योगी

        जागर का मतलब होता है जगान या जागरण. उत्तराखण्ड तथा नेपाल के पश्चिमी क्षेत्रोँ में कुछ ग्राम देवताओँ जैसे गंगनाथ, गोलु, भनरीया, काल्सण आदि की पूजा की जाती है। बहुत देवताओँ को स्थानीय भाषा में 'ग्राम देवता' कहा जाता है। ग्राम देवता का अर्थ गांव का देवता है। अत: उत्तराखण्ड और डोटी के लोग देवताओँ को जगाने हेतु जागर लगाते हैँ।

       जागर मन्दिर अथवा घर में कहीं भी किया जाता है। जागर बैसी या "बाइसी" तथा "चौरास" दो प्रकार के होते हैँ। गामीण अंचलों में बाइसी बाईस दिनोँ तक जागर किया जाता है। कहीँ-कहीं दो दिन का जागर को भी बाईसी कहा जाता है। चौरास मुख्यतया चौदह दिन तक चलता है। कहीं चौरास को चार दिन का भी होता है। जागर में "जगरिया" मुख्य पात्र होता है। जो रामायण, महाभारत आदि धार्मिक ग्रंथोँ की कहानियोँ के साथ ही जिस देवता को जगाया जाना है, उस देवता का पूरा चरित्र् स्थानीय भाषा में वर्णन किया जाता है। यह हुड्का (हुडुक), ढोल तथा दमाउ बजाते हुए कहानी लगाता है। जगरिया के साथ जागर के साथ हेव लगाते हुए, कांसे की थाली और नगाडे को घमकाते हुए अन्य व्यक्ति भी होते हैं। डांगर या "डंगरिया" (डग मगाने वाला) डंगरिया के शरीर में देवता अवतरित होता है। जगरिया के जगाने पर डंगरिया कांपता है और जगरिया के गीतोँ की ताल में नाचता है। डंगरिया के आगे चावल के दाने रखे जाते हैँ जिसे हाथ में लेकर डंगरिया और लोगोँ से पूछा गया प्रश्न का जवाब देता है। कभी-कभी डंगरिया आदमी का भूत भविष्य तथा वर्तमान सटिक बताते हैँ। यह मिथक कहो या भी अंधता, पर सत्य है। जागर का तीसरा पात्र् स्योँकार (सेवाकार) है। स्योँकार उसे कहा जाता है जो अपने घर अथवा मन्दिर में जागर कराता है और जगरिया, डगरिया लगायत अन्य लोगोँ के लिए भोजन पानी का पूरा व्यवस्था करता है। जागर कराने से स्योँकार को इच्छित फल प्राप्ति का विश्वास किया जाता है। 
      बचन लाल जी इन्ही गायकों में सिद्धस्थ हैं। गढ़वाली जागर और कुमाउनी जागर में काफी अंतर है। गढ़वाल में जागर नृत्य रीदम में तो कुमाऊँ में तीव्र नृत्य होता है। जागर गायकों में प्रमुखतः केश राम भगत, गंगा देवी, हरदा 'सूरदास', जोगा राम, कबूतरी देवी, मोहन सिंह, नयन नाथ रावल,नारायण राम, डॉ बचन लाल, प्रीतम भरतवान, राम सिंह, मोहन राम और बसन्ती बिष्ट (पद्मश्री) हैं। इनमें बचन लाल सर का नाम गढ़वाली जागर गायकों में शुमार है। यूट्यूब में भी आप उनके बीते 20 सालों की जागर गायन को देख सुन सकते हैं. उनके यूट्यूब चैनल का लिंक ये है.


प्रस्तुति-डॉ.ललित योगी

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