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उत्तराखंड के पर्यटन स्थल.. Uttarakhand Tourism

हिमालय के ऊँचे शिखर, नदियां, झरने, सर्पाकार सड़क, घने चीड़ और देवदार के जंगल, फूलों की घाटी, मनलुभावन झील का किनारा और हर पहाड़ पर पवित्र मंदिर जी हाँ ! हम बात कर रहे है भारत के उत्तर में स्थित पहाड़ी राज्य उत्तराखंड की जो पहले उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था. दून वैली पर बसा खूबसूरत शहर देहरादून इसकी राजधानी है, जो चारों ओर से लाज़वाब प्राकृतिक दृश्यों से घिरा हुआ है. इस राज्य का क्षेत्रफल लगभग 53,483 वर्ग किमी. है और यह भौगोलिक तौर पर मुख्यतः दो हिस्सों गढ़वाल और कुमाऊं में बंटा हुआ है. यह राज्य अपने प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों, घने जंगलों, ग्लेशियरों और बर्फ से ढंकी चोटियों के लिए जाना जाता है।



उत्तराखंड को देवभूमि या ईश्वर की जगह के नाम से जाना जाता है. हिंदुओं की आस्था के प्रतीक पवित्र चारधाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री यहीं स्थित हैं. उत्तर का यह पहाड़ी राज्य गंगा और यमुना समेत देश की प्रमुख नदियों का उद्गम स्थल भी है. कई खूबसूरत झीलें, हिल स्टेशन, लगभग 12 नेशनल पार्क, ग्लेशियरों और  वैली ऑफ फ्लॉवर (फूलों की घाटी) का भी घर है, जिसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया है. ये सभी इस राज्य के टूरिज्म में चार चाँद लगाते है. आइये ! अब बात करते है यहाँ के प्रमुख रमणीक स्थलों के बारे में-
अल्मोड़ा- इतिहासकारों की मानें तो सन् 1563 ई. में चंदवंश के राजा बालो कल्याणचंद ने आलमनगर के नाम से इस नगर स्थापना की थी. स्वतंत्रता की लड़ाई से लेकर शिक्षा, कला एवं संस्कृति के विकास में अल्मोड़ा का विशेष स्थान रहा है. कुमाऊँनी संस्कृति की असली छाप अल्मोड़ा में ही मिलती है. इसीलिए इसे सांस्कृतिक नगरी भी कहा जाता है. यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थलों में रानीखेत, चितई मंदिर, जागेश्वर धाम, कसार देवी, सोमेश्वर घाटी, द्वाराहाट, मानिला, बिनसर महादेव, चौबटिया गार्डन, स्याही देवी, चौखुटिया, डोल आश्रम, बिनसर जंगल, कटारमल सूर्य मंदिर और एड़द्यो मंदिर प्रमुख हैं. पर्यटकों, प्रकृति-प्रेमियो, पर्वतरोहियों और पदारोहियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अल्मोड़ा आज का सर्वोत्तम नगर है. यहाँ रहने के लिए अच्छे होटल उपलब्ध हैं.


बागेश्वर-  सरयू और गोमती दो प्रसिद्ध नदियों के तट पर और हिमालय के नजदीक बसा बागेश्वर शहर उत्तराखण्ड राज्य का एक जिला है. यह धार्मिक गाथाओं, पर्व आयोजनों और आकर्षक प्राकृतिक दृश्यों के कारण प्रसिद्ध है. यहाँ के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में कौसानी हिल स्टेशन, चाय बागान, पिंडारी ग्लेशियर, बागनाथ मंदिर, बैजनाथ, चंडिका मंदिर, स्रीहरु मंदिर, गौरी उडियार, कपकोट, गरुड़ और कांडा प्रमुख पर्यटक स्थल है. जहाँ पर्यटक प्रकृति के मनोहर और रोमांचित कर देने वाले दृश्यों से रूबरू हो सकेंगे. यहाँ रहने के लिए होटल और रिजोर्ट उपलब्ध हैं. 


चमोली- चमोली उत्तराखंड का एक प्रमुख जिला है। यहाँ बर्फ से ढके पर्वतों के बीच स्थित खूबसूरत जगह पर्यटकों को बहुत आकर्षित करती है. यह प्रमुख धार्मिल स्थानों में से एक है. यहाँ हर साल काफी संख्या में पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है. चमोली में कई बड़े और छोटे मंदिर है तथा ऐसे कई स्थान है जो रहने की सुविधा प्रदान करते हैं. इस जगह को "चाती" कहा जाता है "चाती" एक प्रकार की झोपड़ी है जो अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है. चमोली जिला मध्य हिमालय के बीच में स्थित है और अलकनंदा नदी यहाँ की प्रसिद्ध नदी है जो तिब्बत की जासकर श्रेणी से निकलती है. यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थलों में प्रसिद्ध बद्रीनाथ मंदिर, तपकुण्ड, हेमकुंड साहिब, गोपेश्‍वर, पंच प्रयाग, देव प्रयाग, विष्णु प्रयाग, फूलो की घाटी, औली, केदारनाथ वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी,  इसके अलावा आप यहां से नंदा देवी, कामत औद और दुनागिरी पर्वतों का नजारा भी देख सकते हैं. यहाँ आने वाले पर्यटकों के लिए होटल और रिजोर्ट उपलब्ध है.


चम्पावत- ऐतिहासिक नगर चम्पावत उत्तराखंड राज्य का एक जिला है. यह जिला अपने आकर्षक मंदिरों और खूबसूरत वास्तुशिल्प के लिए दुनिया भर में जाना जाता है. ऊँचे-नीचे पहाड़ों के बीच से होकर बहती नदियां अद्भुत छटा बिखेरती हैं. यहाँ पर्यटकों को सब कुछ मिलता है जो एक पर्वतीय स्थान से वो चाहते हैं. वन्यजीवों से लेकर हरे-भरे मैदानों तक और ट्रैकिंग की सुविधा सब कुछ यहां पर है. यहाँ चंद शासकों के किले के अवशेष आज भी देखे जा सकते हैं. यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थलों में बालेश्रवर मंदिर, शनि देवता मंदिर, नागनाथ मंदिर, मीठा-रीठा साहिब, पूर्णागिरि मंदिर, पंचेश्रवर, देवीधुरा, लोहाघाट, अब्बोट माउंट, क्रांतेश्वर महादेव टेम्पल, एक हथिया का नौला और पाताल रुद्रेश्वर प्रमुख है. यहाँ पर्यटकों के ठहरने के लिए होटल और रिजोर्ट उपलब्ध है.


देहरादून- ये उत्तराखंड का सबसे बड़ा शहर और यहाँ की राजधानी है. यह नगर अपने गौरवशाली पौराणिक इतिहास, अनेक प्रसिद्ध शिक्षण संस्थानों और अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है. यहाँ तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग, सर्वे ऑफ इंडिया, भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, वन अनुसंधान संस्थान, भारतीय राष्ट्रीय मिलिटरी कालेज और इंडियन मिलिटरी एकेडमी जैसे कई शिक्षण संस्थान हैं. जो यहाँ की प्रसिद्धि को चार चाँद लगाते है. देहरादून बासमती चावल, चाय और लीची के बाग के लिए भी प्रसिद्ध है. यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थल है चकराता, देहरादून, मसूरी, ऋषिकेश, टपकेश्वर मंदिर, मालसी डियर पार्क, कलंगा स्मारक, लक्ष्मण सिद्ध, चंद्रबाणी, साईंदरबार, गुच्छूपानी, तपोवन, संतोलादेवी मंदिर और कई पर्यटक स्थल है जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य से पर्यटकों का मन मोह लेते है. यहाँ आगमन के लिए पर्यटकों को वायु मार्ग, रेल मार्ग और सड़क मार्ग की सुविधा है. और रहने के लिए बड़े-बड़े होटल और पंचतारा रिजोर्ट उपलब्ध है.


हरिद्वार- ये प्रसिद्ध धार्मिक शहर है जिसका मतलब है हरी+द्धार= हरी का द्धार. यानि की भगवन को पाने का दरवाजा मोक्ष पाने का मार्ग. प्रसिद्ध चारधाम यात्रा यही से होकर शुरू होती है. हरिद्वार अपने बड़े-बड़े उद्योगों. के लिए भी प्रसिद्ध है. यहाँ के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में  हर की पौड़ी, मनसा देवी टेम्पल, चंडी देवी टेम्पल, और वैष्णो देवी टेम्पल है. यहाँ भी पर्यटको की सुविधा के लिए होटल और रिजोर्ट उपलब्ध है.


नैनीताल- सन् 1839 ई. में एक अंग्रेज व्यापारी पी. बैरन द्धारा नैनी झील की खोज की गयी. तब से ये शहर पर्यटनों का खास माना जाता है. नैनीताल उत्तराखंड की प्रशासनिक राजधानी ही नहीं बल्कि टूरिज्म का बहुत बड़ा केंद्र भी है. यहाँ साल भर पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है. यहाँ की खास बात ये है की यहाँ बहुत सारी झील है जो अपनी नैसर्गिक छटा से पर्यटकों को रोमांचित कराती है. यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थल जिम कॉर्बेट पार्क, नैनीताल झील, हनुमान गढ़ी, केव्स गार्डन, राज भवन, हल्द्वानी, भीमताल, कालाढूंगी, रामनगर, काठगोदाम, भवाली, घोड़ाखाल मंदिर, रामगढ़, मुक्तेश्वर, सात ताल, नौकुचिया ताल और बेतालघाट है. यहाँ आने के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है जोकि नैनीताल से 34 किमी. दूर है. राजधानी दिल्ली से 320 किमी दूर है. यहां का नजदीकी हवाई अड्डा पंतनगर एयरपोर्ट यहां से करीब 55 किमी दूर है. यहाँ पर्यटकों के ठहरने के लिए सभी सुविधाओं से सुसज्जित होटल और रिजोर्ट उपलब्ध है.


पौड़ी गढ़वाल- पौड़ी गढ़वाल उत्तराखण्ड का एक जिला है. जिले का मुख्यालय पौड़ी शहर में स्थित है. जिसके उत्तर मैं चमोली, रुद्रप्रयाग और टेहरी गढ़वाल है, दक्षिण मैं उधमसिंह नगर, पूर्व मैं अल्मोड़ा और नैनीताल और पश्चिम मैं देहरादून और हरिद्वार स्थित है. हिमालय की पर्वत श्रृंखलाएं इसकी सुन्दरता मैं चार चाँद लगाते हैं और हरे-भरे जंगल, बड़े-बड़े पहाड़ एवं छोटी-बड़ी नदियां यहाँ की सुन्दरता को बहुत ही मनमोहक बनाते हैं. यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थलों में चौखम्बा व्यू पॉइंट, खिरसू, कंडोलिया देवता, दंड नागराज टेम्पल, ज्वाल्पा देवी टेम्पल, एकेश्वर महादेव, बिनसर महादेव, लाल टिब्बा, ताराकुण्ड देवी मन्दिर प्रमुख हैं. यहाँ पर्यटको के ठहरने के लिए होटल और रिजॉर्टों की सुविधा उपलब्ध है.


पिथौरागढ़- इसका पुराना नाम (सोर घाटी) है ये चीन और नेपाल के बॉर्डर से लगा उत्तराखंड का एक प्रमुख जिला है. जो मध्य और उच्च हिमालयी क्षेत्र के अंतर्गत आता है. इसे  (मिनी कश्मीर) के नाम से भी जाना जाता है. इसकी प्राकृतिक खूबसूरती देखते ही बनती है. इसके प्रमुख पर्यटन स्थलों में पिथौरागढ़ फोर्ट, पाताल भुवनेश्वर, घाट, कामाक्षा टेम्पल, ध्वज टेम्पल, महाराजके पार्क, मिलम ग्लेशियर, थल केदार, धारचूला, मुनस्यारी, बेरीनाग और हिमालय की कई दर्शनीय ऊँची चोटियां है. यहाँ ठहरने के लिए होटल और रिजोर्ट उपलब्ध है.


रुद्रप्रयाग- ये जिला गढ़वाल मंडल में है. रुद्रप्रयाग अपने मंदिरों, नदियों और प्राकृतिक छटा के लिए प्रसिद्ध है. रुद्रप्रयाग भी पूर्व के केदारखंड का ही एक हिस्सा है. इसी केदारखंड में वेदों की रचना हुई थी. रुद्रप्रयाग शहर अलकनंदा तथा मंदाकिनी नदियों का संगम स्थल है. यहाँ से अलकनंदा देवप्रयाग में जाकर भागीरथी से मिलती है और पवित्र गंगा नदी का निर्माण करती है. यहाँ के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में केदारनाथ मंदिर, अगस्त्यमुनि, गुप्‍तकाशी, सोनप्रयाग, खिरसू, गौरीकुंड, दिओरिया ताल, चोपता है. यहाँ से सबसे नजदीकी एयरपोर्ट जोलीग्रांड देहरादून है, नजदीकी रेलवे स्‍टेशन ऋषिकेश और कई महत्‍वपूर्ण सड़क मार्ग गढ़वाल डिविजन से जुड़े हुए है. जहां से रोजाना रूद्रप्रयाग के लिए बसें चलती है. यहाँ पर्यटको के रहने के लिए होटल और रिजोर्ट उपलब्ध है.


टिहरी गढ़वाल- टिहरी गढ़वाल दो अलग-अलग नामों को मिलाकर बना है. टिहरी बना है शब्‍द ‘त्रिहरी’ से, जिसका मतलब है एक ऐसा स्‍थान जो तीन तरह के पाप (मनसा, वाचा और कर्मणा) धो देता है. वहीं दूसरा शब्‍बना है ‘गढ़’ से जिसका मतलब होता है किला. यह जिला उत्तराखंड का प्रमुख पर्यटन स्थल है. यहाँ के पर्यटन स्थलों में टिहरी झील, बूढ़ा केदार, देवप्रयाग, खतलिंग ग्लेशियर, चम्बा, धनौल्टी, कुंजापुरी, सुरकण्डा देवी, चन्द्रबदनी, केम्पटी फॉल, नागटिब्बा आदि है. यहाँ पर्यटकों के लिए होटल और रिजोर्ट की सुविधा उपलब्ध है.


उत्तरकाशी- उत्तरकाशी जिला हिमालय रेंज की ऊँचाई पर बसा हुआ है. और इस जिले में गंगा और यमुना दोनों नदियों का उद्गम स्थल है, यहाँ पर हज़ारों हिन्दू तीर्थयात्री प्रति वर्ष आते हैं. उत्तरकाशी कस्बा, गंगोत्री जाने के मुख्य मार्ग में पड़ता है, यहाँ पर बहुत से मंदिर हैं और यह एक प्रमुख हिन्दू तीर्थयात्रा का केन्द्र माना जाता है. यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थल एकादश रूद्र मंदिर, डोडी ताल, दुर्योधन मंदिर, कुटेटी देवी मंदिर, शक्ति मंदिर, विश्वनाथ मंदिर, गंगोत्री ग्लेशियर, गंगोत्री नेशनल पार्क, नचिकेता ताल, दायरा बुग्याल आदि हैं. यहाँ पर आंगतुकों के लिए शानदार होटल एवं रिजोर्ट उपलब्ध है.



8 comments:

  1. बहुत ही अच्छी जानकारी दी धन्यवाद।

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  2. नैनीताल दर्शनीय स्थल को हिंदू धर्म में मानसरोवर जितना पवित्र माना गया है. ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति नैनी झील में एक बार दुबकी लगा लेता है, उसका पूरा जीवन शुद्ध हो जाता है.

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