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उत्तराखंड नाट्य-शताब्दी नाट्योत्सव "आह्वान-2017"


    8 दिसंबर से 10 दिसंबर तक एलटीजी ऑडिटोरियम मंडी हाउस दिल्ली में चल रहे  अभिव्यक्ति कार्यशाला द्वारा आयोजित उत्तराखंड नाट्य-शताब्दी नाट्योत्सव "आह्वान-2017" का आयोजन किया गया. आयोजन का शुभारम्भ बॉलीवुड जगत के जाने-माने अभिनेता हेमंत पांडे, गोविन्द पांडे और ब्रजेन्द्र काला और रंगमंच जगत के कई हस्तियों ने दीप प्रज्वलित कर किया. इस कार्यक्रम के आयोजक और अभिव्यक्ति कार्यशाला के महासचिव मनोज चंदोला ने सभी रंगकर्मियों, कलाकारों और दर्शकों का स्वागत किया. उसके बाद उत्तराखंड रंगमंच के पिछले 100 सालों का वृत्तिचित्र दिखाया गया.


      
      इस बार 3 दिन तक चले इस महोत्सव में 6 नाटक प्रस्तुत किये गए 8 दिसम्बर को  संभव नाट्य मंच देहरादून द्वारा महादेवी वर्मा की कहानी "लक्षमा" की बेहतरीन प्रस्तुति दी गयी जिसके निर्देशक थे अभिषेक मैंदोला. उसी दिन दूसरी प्रस्तुति पर्वतीय लोक कला मंच दिल्ली द्वारा दी गयी "बारामासा" जिसके लेखक हेम पंत और निर्देशक गंगाधर भट्ट थे


     9 दिसंबर को भोर सोसाइटी रामनगर की प्रस्तुति "प्रतिध्वनि" जिसके लेखक मथुरादत्त मठपाल और निर्देशक संजय रिखाड़ी थे. इसी दिन अन्य प्रस्तुति दी गयी अक्षत गोपेश्वर की टीम ने "रंगयु बाखरू" जिसका निर्देशन किया था विजय वशिष्ठ ने और इसके लेखक थे जगत रावत


     10 दिसंबर को दोपहर 2 बजे से संगीत नाटक अकादमी के मेघदूत सभागार में "उत्तराखंड रंगमंच दिशा और दशा" विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया साथ ही अभिव्यक्ति कार्यशाला द्वारा आयोजित उत्तराखंड नाट्य-शताब्दी नाट्योत्सव के विभिन्न आयामों पर विचार-विमर्श किया गया जिसमे उत्तराखंड रंगमंच के जाने-माने रंगकर्मियों ने अपने विचार रखे. और सभी रंगकर्मियों ने एकजुट होकर रंगमंच को लोककलाओं से जोड़ने की बात कही.

     सांयकाल में एलटीजी सभागार में शैलेश मटियानी जी की कहानी "दो दुखों का एक सुख" का बेहतरीन मंचन अस्तित्व हल्द्वानी द्वारा किया गया जिसका निर्देशन हरीश पाण्डे द्वारा किया गया. उसके बाद 3 दिवसीय नाट्य महोत्सव के आखिर में हाई हिल्लर ग्रुप दिल्ली की टीम ने गढ़वाली भाषा में दिनेश बिजल्वाण द्वारा लिखित "रुकमा-रुमैलो का मंचन किया गया जिसके निर्देशक थे हरी सेमवाल.


  इतने बड़े आयोजन की सफलता के लिए मनोज चंदोला ने अभिव्यक्ति कार्यशाला की टीम असीमा पाण्डे, भावना पंत, कमल मठपाल, देव बिष्ट, तुषार चंदोला, हिमाद्रि चंदोला, मयंक आर्य, अखिलेश भट्ट और अन्य सदस्यों का सधन्यवाद किया.

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