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रंगकर्मी स्व. ब्रजेन्द्र लाल शाह जी को सपर्पित सांस्कृतिक संस्था



ब्रजेन्द्र लाल शाह थिएटर सोसाइटी (पूर्व में लोकरंग संस्था) उत्तराखंड के प्रसिद्ध रंगकर्मी और साहित्यकार स्व.ब्रजेन्द्र लाल शाह जी को समर्पित संस्था है. जिसका उद्देश्य संस्कृति, कला, भाषा और हिमालय को बचाये रखना है. अपने उद्देश्यों को पूरा करते हुए संस्था ने विगत वर्ष सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में एक माह का रंगमंच कार्यशाला लगायी और साथ में भास्करानंद द्वारा लिखित और निर्देशित हास्य कहानी "छोटी कोसी की रामलीला" का भी मंचन किया. जिसमें नगर के उभरते कलाकारों ने अपनी प्रतिभा से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया. और हास्य के जरिये उत्तराखंड के गिरते सांस्कृतिक और कला के परिवेश और संस्कृति पर राजनीती का प्रभाव को मंच पर सुन्दर तरीके से दिखाया.

इस वर्ष संस्था ने "दिव्यदीक्षा सेंटर फॉर परफोर्मिंग आर्ट्स" के सहयोग से  सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में जून माह में एक सप्ताह की कार्यशाला लगायी. जिसमें थिएटर, संगीत और नृत्य का प्रशिक्षण के साथ-साथ उत्तराखंड के संस्कार गीतों का भी प्रशिक्षण दिया गया और अपनी संस्कृति को सहेजने का भरसक प्रयास किया गया. अभिनय की कार्यशाला के लिए आये नैशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा के अमित सक्सेना और जाने माने रंगकर्मी भगवत उप्रेती जी ने सभी प्रतिभागियों को रंगमंच की बारीकियां समझायी और तीन अलग-अलग कहानियों का निर्देशन कर प्रतिभागियों से बेहतर प्रस्तुति करवाई. ऐपण कला, संस्कार गीत, नृत्य और संगीत कार्यशाला में आशा उप्रेती, मनीष कुमार, दिव्या उप्रेती और दीक्षा उप्रेती ने प्रतिभागियों को उत्तराखंड के संस्कार गीतों और लोक नृत्य से रूबरू करवाया इस अवसर पर रंगकर्मी शिवचरण पांडेय, चंद्र दत्त तिवारी, नवीन बिष्ट, धनंजय शाह, मनमोहन चौधरी, आलोक वर्मा आदि मौजूद थे.

  आने वाले समय में भी सोसाइटी उत्तराखंड की संस्कृति को बचाने के मुहीम के तहत रंगमंच के द्वारा यहाँ के पर्यावरण, पलायन, रोजगार, और सामाजिक जन सरोकारों को आगे लाएगी. और समाज को एक नई दिशा देगी और ब्रजेन्द्र लाल शाह जी के योगदान को आगे तक ले जाएगी. वर्तमान में सोसाइटी के अध्यक्ष गीता दुर्गापाल, उपाध्यक्ष जानकी तिवारी, सचिव भास्करानंद, उपसचिव हिमांशु कांडपाल, कोषाध्यक्ष गिरीश जोशी, डॉ ललित योगी, हेम चंद्र, इंदु आर्या, चंद्रा आर्या, बेबी तिवारी, लता तिवारी आदि सदस्यों की टीम उत्तराखंड की लोक कलाओं  और संस्कृति पर कार्य कर रही है.

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