गडेरी ... एक लघु कहानी March 30, 2017 " अब वो कैसी है डाक्टर साहब".... मैने बड़े ही हड़बड़ाहट भरे स्वरों में डाक्टर पाण्डे जी से पूछा ."देखो ! उस...Read More
धार से लिखा गया एक प्रेम-पत्र: भास्करानंद March 25, 2017 हरूली आज में इस धार में अकेला बैठा हूँ, और नीचे की तरफ मेरा जो ये खतरनाक भ्योव (पहाड़ी) है न इसमें आजकल बांज, बुरांश, चीड़, काफल...Read More
सुमित्रानंदन पन्त जी की कुमाऊँनी कविता March 22, 2017 प्रकृति के सुकुमार कवि स्व. सुमित्रानंदन पन्त जी की कुमाऊँनी भाषा में रची गयी एकमात्र कविता- "सार जंगल में त्वि ज क्वे न्हां र...Read More
एक साक्षात्कार: रंगकर्मी श्री बी.सी. उप्रेती जी के साथ March 16, 2017 मैं जब भी आपके सामने होता हूँ तो मुझे "बेड़ू पाको..." गीत की याद आ जाती है. आखिर उस दिन ऐसा क्या हुआ कि ये उत्तराखंड का व...Read More